2010 यूपी के लिए अभिशप्त-सपा
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यूपी पर डेढ़ लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज
लखनऊ। समाजवादी पार्टी का मानना है कि उत्तर प्रदेश के लिए 2010 अभिशप्त वर्ष रहा है। मुख्यमंत्री मायावती ने सत्ता के दुरूपयोग और प्रशासनिक ताकत के बल पर मतपेटियों पर कब्जा करने का विश्व रिकार्ड कायम कर दिया। लोकतंत्र की सभी मर्यादाएं ताक पर रखकर सभी संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा गिराने में भी कसर नहीं रखी गई। सच तो यह है कि अपराधियों को छूट, लूट, अपहरण, महिलाओं से दुराचार, मानवाधिकारों का हनन, हर ठेके में कमीशन और हर गली में शराब यही बसपा राज में सर्वजन हिताय का संदेश जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने साल भर में सिर्फ स्मारक, पार्क, पत्थर के हाथी और अपनी पत्थर की मूर्तियां लगाने का ही काम किया है। विकास के कहीं कोई लक्षण नहीं दिखाई पड़े। बिजली के फर्जी समझौते, सड़क पुल में घटिया निर्माण कार्य, महंगी शिक्षा, दलितों पर अत्याचार, किसानों के साथ छल, इन कारनामों के साथ ही मुख्यमंत्री ने पूरा साल बिता दिया। आम जनता मंहगाई की मार से पिसती रही, अपराधी दबंगई करते रहे, वृद्ध दंपत्तियों की हत्याएं होती रही, व्यापारी लुटते रहे, वकील पिटते रहे, नौजवान भटकते रहे। शिक्षा मित्र, किसान मित्र, आंगनवाड़ी, मिडडे मील बनाने वाली महिलाएं भी पिटी, स्वास्थ्य रक्षकों, ग्राम रोजगार सेवकों को पुलिस के डंडो से जान बचाने के लिए गोमती नदी में छलांग लगानी पड़ी। उर्दू मुअल्लिमों की गुहार बेअसर रही।Read More:
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