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Monday, July 11, 2011
दूरसंचार मंत्री को उपभोक्ताओं की चिंता swatantraawaz.com
कपास और गन्ने की अच्छी बुआई
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Friday, April 29, 2011
ब्रिटेन में शाही शादी टीएलसी चैनल पर दिखेगी
ब्रिटेन में शाही शादी टीएलसी चैनल पर दिखेगी
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स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
लंदन। ब्रिटेन के शाही परिवार में होने वाली शादी छोटे पर्दे पर भी देखने को मिलेगी। प्रिंस विलियम और केट मिडिलटन की शादी टीएलसी चैनल पर दिखाई जाएगी। शादी वाले दिन का सीधा प्रसारण और अन्य आठ दिन तक अलग-अलग एपिसोड भी दिखाए जाएंगे। भारतीय दर्शक भी इसे देख सकेंगे। इससे जुड़े कार्यक्रमों का प्रसारण 24 अप्रैल से एक मई तक चलेगा और 29 अप्रैल को दोपहर ढाई बजे से विवाह कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जाएगा।
डिस्कवरी नेटवर्क के अनुसार इसके लाइफस्टाइल चैनल टीएलसी पर 'रॉयल वेडिंग वीक' शीर्षक से प्रसारित कार्यक्रमों में शाही परिवार के दुर्लभ फुटेज और करीबी लोगों के साक्षात्कार भी दिखाए जाएंगे। डिस्कवरी नेटवर्क के भारत में उपाध्यक्ष और महाप्रबंधक राहुल जौहरी ने बताया दर्शक उन लोगों के बारे में भी जान सकेंगे और देख सकेंगे जिनका शाही परिवार से करीबी नाता रहा है और है। प्रिंस विलियम की शादी के बाद दुनिया के सबसे योग्य कुंवारों में शुमार प्रिंस हैरी पर भी एक कार्यक्रम होगा। विलियम-केट की शादी के लिए चल रहीं तैयारियों से भी दर्शकों को रूबरू कराया जाएगा। एक एपिसोड में प्रिंस चार्ल्स और दिवंगत डायना की शादी की भी झलक देखने को मिलेगी। Read More
Tuesday, April 26, 2011
hindi news-ब्रह्मलीन हुए सत्य साईं बाबा-swatantraawaz
ब्रह्मलीन हुए सत्य साईं बाबा
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प्रशांति निलमय में बुधवार को समाधि
पुट्टपर्थी-आंध्रप्रदेश। शिर्डीवाले साईं बाबा के चमत्कारिक अवतारी के रूप में स्थापित, दुनिया भर में अनुयाईयों की ईश्वर तुल्य आस्था, प्रेम और विश्वास के परम आधार सत्यनारायण राजू अर्थात सत्य साईं बाबा हृदयाघात से अचेतावस्था में पहुंचकर आखिर ब्रह्मलीन हो गए। इसाईयों के पवित्र त्योहार ईस्टर को उन्होंने अपने महाप्रस्थान का दिन चुना। सत्य साईं बाबा की जीवन रक्षा की लाखों, करोड़ों प्रार्थनाओं के विभिन्न मार्मिक रूप देख, वह भी जरूर करूणा से भर गए होंगे, लेकिन नियति के शक्तिशाली समयचक्र के सामने किसी का भी वश नहीं चला है, सो वे अपने करोड़ों अनुयायियों की प्रार्थनाओं के बीच विदा हुए। उन्हें जाना था और इसका दोष उनकी लगातार एक माह चली हृदय संबंधी बीमारी को गया। दुनिया में उन्होंने मानवता के संदेश को सफलतापूर्वक प्रेम, सेवा और सद्भाव से जोड़ा। उनके महाकल्याणकारी कार्यों का दुनिया में वृहद प्रचार और प्रसार हुआ। साईं बाबा ने शिक्षा से लेकर आध्यात्म तक का एक हब खड़ा किया, जिसमें देश-विदेश के जाने-माने राजनेता, समाज सुधारक, उद्योपति, शीर्ष न्यायिक अधिकारी, नौकरशाह, दार्शनिक और विभिन्न विधाओं के महान लोग शामिल हैं। बहुत सारी विशेषताओं और जनसामान्य के लिए महान कार्यकलापों के बावजूद यह तथ्य भी अपने स्थान पर कायम है कि सत्य साईं बाबा भी लोकापवादों से मुक्त नहीं रहे। उनके विभिन्न पक्षों को लेकर संशयात्मक आलोचनाएं अभी भी मौजूद हैं।
मृत्युलोक में एक सामान्य परिवार में 23 नवंबर 1926 से सत्य साईं बाबा यानि सत्य नारायण राजू का जीवन चक्र प्रारंभ हुआ जो 24 अप्रैल 2011 को अपने महाप्रयाण को प्राप्त हुआ। वे 86 वर्ष संसार में रहे। आध्यात्मिक गुरू के रूप में और अपने अनुयायियों के बीच में अवतार के रूप में, भगवान के रूप में, महान दार्शनिक के रूप में उन्होंने अतुल्य सम्मान और मान्यता अर्जित की। उनकी कीर्ति अनेक विख्यात संतों और आध्यात्मिक गुरूओं के बीच भिन्न और शिखर पर तो रही ही, अनेक राष्ट्राध्यक्षों ने भी उनसे मार्गदर्शन और प्रेरणाएं प्राप्त कीं। सत्य साईं बाबा ने अपनी शक्तियों का उपयोग शिक्षा के प्रचार-प्रसार और उस जैसी अनेक लोक कल्याणकारी योजनाओं और आध्यात्मिक शक्ति के कारक आश्रमों और मंदिरों की स्थापना के लिए किया। उनकी विरासत में यद्यपि पचास हजार करोड़ रूपए से भी ज्यादा की देश-विदेश में परिसंपत्तियां हैं तथापि उन्हें इससे भी ज्यादा जो नसीब हुआ वह है उनकी मान्यता। वह सिद्ध पुरूष शिर्डी वाले साईं बाबा के अवतार कहलाए गए। उन्होंने अपने आध्यात्मिक महत्व को विकसित किया, सिद्ध किया। साईं बाबा को अपने जीवन में अनेक लोकापवादों का सामना भी करना पड़ा लेकिन उन्होंने आलोचनाओं की कभी परवाह नहीं की और अपने लक्ष्य पर बढ़ते रहे। सत्य साईं बाबा को उनके जीवन में करोड़ो अनुयाइयों की जो शक्ति मिली यह उसी का प्रमाण है कि उनकी जीवन रक्षा के लिए करोड़ों प्रार्थनाएं की गईं, मन्नते मांगी गईं मगर उनको जाना था और वे अनंत ब्रह्मांड के लिए प्रस्थान कर गए। Read More : ब्रह्मलीन हुए सत्य साईं बाबा
जापान से दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे पर चर्चा
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टोकियो। भारत के केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने टोकियो में जापान के प्रधानमंत्री नाओतो कान से भेंट की। नाओतो कान ने जापान के साथ भारत की व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते के लिए बातचीत की सफलता पर संतोष व्यक्त किया। इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। बैठक में जापान के प्रधानमंत्री ने भारत और जापान के बीच अनुसंधान और नवाचार के लिए तकनीकी सहयोग को अधिक महत्व नहीं दिया। उन्होंने दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा परियोजना से संबंधित भारत के आधारभूत ढांचे के विकास में भागीदारी करने का पक्ष लिया।
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आनंद शर्मा ने दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा परियोजना को भारत के महत्व दिए जाने पर प्रकाश डाला, जो कि निर्णायक रूप से आयोजन के चरण से परियोजना कार्यान्वयन की स्थिति में आ गई है। परियोजना पर एक सौ अरब अमरीकी डॉलर से अधिक का पूंजीनिवेश किया जाएगा और इसे भारत और जापान के बीच भागीदारी की फ्लैगशिप पहल के रूप में देखा जा रहा है। आनंद शर्मा ने परियोजना की शुरूआत के रूप में भारत और जापान के नौ-नौ अरब डॉलर के बराबर के योगदान का एक प्रचालन कोष गठित करने का प्रस्ताव किया। इस पर जापान के प्रधानमंत्री ने अपने देश के वित्तीय योगदान को देखते हुए सहमति व्यक्त की। Read More
Wednesday, April 6, 2011
विश्वकप की यही असली ट्रॉफी
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सीबीईसी का स्पष्टीकरण
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नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय के केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने इस बात से इंकार किया है कि असली आईसीसी क्रिकेट विश्वकप- 2011 ट्रॉफी मुंबई में हवाई अड्डा सीमा शुल्क भंडार में रखी है। यह स्पष्टीकरण मीडिया के एक वर्ग में छपी इस रिपोर्ट के उत्तर में जारी किया गया है कि मुंबई के वानखेडे स्टेडियम में शनिवार, 2 अप्रैल 2011 को विजेता भारतीय क्रिकेट टीम को असली आईसीसी क्रिकेट विश्वकप ट्रॉफी नहीं दी गयी है।
आईसीसी ने यह भी सुनिश्चित किया है कि वानखेडे स्टेडियम में शनिवार 2 अप्रैल 2011 को भारतीय क्रिकेट टीम को भेंट की गयी ट्रॉफी ही असली आईसीसी क्रिकेट विश्वकप 2011 ट्रॉफी है और यह वही ट्रॉफी है, जिसके पीछे विजेता टीम को प्रस्तुत करने की मंशा थी। यह भी कहा गया है कि मुंबई सीमा शुल्क विभाग द्वारा अधिकार में ली गयी ट्रॉफी प्रोत्साहनात्मक, चिरस्थाई ट्रॉफी है, जो आईसीसी के दुबई स्थित मुख्यालय के भंडार में रहती है। इस पर आईसीसी कॉर्पोरेट का समान्य लोगो रहता है ना कि 2011 प्रतियोगिता का विशिष्ठ लोगो।
मुंबई हवाई अड्डे पर रखी यह ट्रॉफी आज वापस ली जाएगी और जैसा कि सदा मंशा रहती है, आईसीसी कर्मचारियों के साथ वापस दुबई ले जाई जाएगी। सीबीईसी ने यह भी सूचित किया है कि इम्मा वैटे और रिक्सन हैडर नामक दो यात्री पहली अप्रैल 2011 को डब्ल्यू 255 विमान से कोलंबो से मुंबई हवाई अड्डे पर पहुंचे थे। उनके पास अपने निजी सामान में एक ट्रॉफी थी, जिसके बारे में आईसीसी चिरस्थाई ट्रॉफी का दावा किया गया था। आईसीसी क्रिकेट विश्वकप 2011 टूर्नामेंट के लिए अस्थाई रूप से आयातित सभी सामान और उपकरणों की सूची आईसीसी टूर्नामेंट समिति को दी गयी थी, जिन्हें सीमा शुल्क से छूट दी गयी है और आईसीसी टूर्नामेंट समिति को दी गयी सूची में उपरोक्त ट्रॉफी का नाम नहीं था, जिसे यात्रियों ने आईसीसी चिरस्थाई ट्रॉफी बताया गया था। Read More
Monday, April 4, 2011
भारत क्रिकेट का विश्वविजेता! बधाई!!
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दिनेश शर्मा
मुंबई। भारत को क्रिकेट का विश्वविजेता बनने के लिए अट्ठाईस साल प्रतीक्षा करनी पड़ी। इस प्रतीक्षा में विश्वविख्यात बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को कई बार निराश होना पड़ा। आखिर महेंद्र सिंह धोनी का उदय हुआ और भारत ने लगातार तीन बार के विश्वविजेता आस्ट्रेलिया को इस विश्वकप से बाहर करने के बाद पहले अपने परंपरागत और सनसनीख़ेज़ प्रतिद्वंदी पाकिस्तान पर शानदार विजय हासिल की और उसके बाद फाइनल मुकाबले में श्रीलंका को पराजित कर आईसीसी के विश्वकप के विश्वविजेता का खिताब हासिल किया-बधाई!
इस विश्वकप में भी कई रिकार्ड बने और टूटे। फुटबाल के बाद क्रिकेट भी अर्थव्यवस्था की प्रगति से जुड़ गया है। क्रिकेट ने दुनिया में क्रिकेट कूटनीति के नए द्वार खोल दिए हैं। नयी पीढ़ी के लिए यह गजब का रोमांचकारी और सबसे लोकप्रिय खेल दूसरे देशों के लिए एक कूटनीतिक ब्रिज के रूप में भी स्थापित हुआ। आपने देखा कि किस तरह राष्ट्राध्यक्षों ने यहां आकर अपनी टीमों का हौंसला बढ़ाया और लगते हाथ कुछ आपसी विवादों के समाधान के अवरूद्ध पड़े रास्ते खोले जिन्हें खोलने के लिए अभी तक अवसर या बहाने नहीं मिल रहे थे। जैसे-भारत और पाकिस्तान के बीच बंद वार्ताओं का बड़ा अड़ंगा दूर हुआ और ये दोनों देश फिर से एक-दूसरे से बातचीत शुरू करने जा रहे हैं। कम से कम क्रिकेट का धन्यवाद दिया जाना चाहिए जिसके कारण भारत और पाकिस्तान में घंटो बैठकर बहुत सारी बातें हुईं। वास्तव में खेल बहुत सारी समस्याओं का समाधान भी रखते हैं। Read More