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अहमदाबाद। साबरमती एक्सप्रेस के गोधरा पहुंचते ही उसकी एक बोगी में आग लगाने की लोमहर्षक घटना पर विशेष अदालत का फैसला आ गया है। अदालत ने इसे एक पूर्वनियोजित साजिश माना है और इसमें 31 लोगों को गुनाहगार पाया है। इस रेल गाड़ी में वह बोगी आग के हवाले की गई थी जिसमें अयोध्या से लौट रहे कारसेवक सवार थे। फैसले से किसी प्रकार की संभावित प्रतिक्रिया को देखते हुए गुजरात में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। विशेष अदालत ने जेल में ही यह फैसला सुनाया। सन् 2002 की 27 फरवरी को हुई इस वारदात में जलकर 58 कारसेवकों की मौत हुई थी। पूरे गुजरात में इसकी भयानक हिंसात्मक प्रतिक्रिया हुई और उसमें करीब एक हज़ार लोग मारे गए। इन दोनों घटनाओं ने देश के सांप्रदायिक अमन चैन को भारी नुकसान पहुंचाया है। यह फैसला केवल गोधरा रेल कांड पर है जिसमें विशेष अदालत ने 31 लोगों को दोषी करार दिया है जबकि 63 अन्य आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत ने माना कि साबरमती रेल में आग एक साजिश के तहत लगाई गई थी, न कि यह कोई हादसा था।
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