hindi news-दिल्ली में विश्व के डाक टिकटों का मेला-swatantraawaz: "दिल्ली में विश्व के डाक टिकटों का मेला
राष्ट्रपति ने देर तक प्रदर्शनी को देखा
स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
[प्रदर्शनी उद्घाटन-exhibition opening] नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल ने इंडीपेक्स 2011, विश्व डाक टिकट प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। भारतीय डाक विभाग ने 18 फरवरी 2011 तक यहां प्रगति मैदान में इंडीपेक्स 2011, विश्व डाक टिकट प्रदर्शनी का आयोजन किया है। इस आयोजन में भारतीय फिलाटेलिक कांग्रेस के साथ-साथ फेडरेशन ऑफ इंटर एशियन फिलाटेली का सहयोग मिल रहा है। भारत में इस प्रकार की पहली प्रदर्शनी 1954 में और अंतिम प्रदर्शनी 1997 में आयोजित की गई थी। भारत में यह प्रदर्शनी इस प्रकार की चौथी प्रदर्शनी है।
भारतीय डाक तार विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रदर्शनी का उद्देश्य फिलाटेली को बढ़ावा देना और फिलाटेलिक हितधारकों- संग्रहकर्ताओं, विक्रेताओं, टिकट डिजाइनरों और मुद्रकों और डाक विभाग के प्रशासकों के बीच संपर्क कायम करने के लिए एक मंच उपलब्ध कराना है। प्रदर्शनी में विभिन्न श्रेणियों में विश्व भर से डाक टिकटों, लेखन सामग्रियों और फिलाटेलिक साहित्य के कुछ श्रेष्ठ संग्रहों को दर्शाया गया है। इस प्रदर्शनी में 28 डाक टिकट विक्रेताओं और डाक विभाग के 31 प्रशासकों के अलावा 70 देशों के 595 संग्रहकर्ता भाग ले रहे हैं।
राष्ट्रपति ने देर तक प्रदर्शनी को देखा
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[प्रदर्शनी उद्घाटन-exhibition opening] नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल ने इंडीपेक्स 2011, विश्व डाक टिकट प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। भारतीय डाक विभाग ने 18 फरवरी 2011 तक यहां प्रगति मैदान में इंडीपेक्स 2011, विश्व डाक टिकट प्रदर्शनी का आयोजन किया है। इस आयोजन में भारतीय फिलाटेलिक कांग्रेस के साथ-साथ फेडरेशन ऑफ इंटर एशियन फिलाटेली का सहयोग मिल रहा है। भारत में इस प्रकार की पहली प्रदर्शनी 1954 में और अंतिम प्रदर्शनी 1997 में आयोजित की गई थी। भारत में यह प्रदर्शनी इस प्रकार की चौथी प्रदर्शनी है।
भारतीय डाक तार विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रदर्शनी का उद्देश्य फिलाटेली को बढ़ावा देना और फिलाटेलिक हितधारकों- संग्रहकर्ताओं, विक्रेताओं, टिकट डिजाइनरों और मुद्रकों और डाक विभाग के प्रशासकों के बीच संपर्क कायम करने के लिए एक मंच उपलब्ध कराना है। प्रदर्शनी में विभिन्न श्रेणियों में विश्व भर से डाक टिकटों, लेखन सामग्रियों और फिलाटेलिक साहित्य के कुछ श्रेष्ठ संग्रहों को दर्शाया गया है। इस प्रदर्शनी में 28 डाक टिकट विक्रेताओं और डाक विभाग के 31 प्रशासकों के अलावा 70 देशों के 595 संग्रहकर्ता भाग ले रहे हैं।
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