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Sunday, March 27, 2011

क्रिकेट का बदला चेहरा

क्रिकेट का बदला चेहरा

मुंबई। सन् दो हज़ार आठ, क्रिकेट में इंडियन प्रीमियर लीग के रूप में एक क्रांति के लिए भी याद रखा जाएगा। चीयरलीडर्स और सिने सितारों के ग्लैमर ने क्रिकेट मैच को तीन घंटे का तमाशा बना दिया जिसे परंपरावादियों ने पांच दिनी खेल का दुश्मन बताकर खारिज कर डाला। आईपीएल लोगों को इस कदर रास आया कि शाम का समय इसी के लिए समर्पित हो गया। महिलाओं ने सास बहू सीरियल देखना छोड़ दिया तो सिनेमाघरों में आखिरी शो खाली पड़े रहे। ताबड़तोड़ खेल ने क्रिकेट की नई परिभाषा गढ़ी जिसमें मनोरंजन अधिक था। आगाज मुंबई के एक पांच सितारा होटल में बीस फरवरी 2008 को खिलाड़ियों की नीलामी के साथ हुआ था। क्रिकेटर एडम गिलक्रिस्ट का तो कहना थाकि खिलाड़ी जानवरों की तरह खरीदे बेचे गए।
आठ फ्रेंचाइसी टीमों ने इन्हें खरीदा जिनके मालिक शाहरुख खान, प्रीति जिंटा जैसे सितारे और विजय माल्या तथा मुकेश अंबानी जैसे धनकुबेर थे। टीमें बनी मुंबई इंडियंस, कोलकाता नाइट राइडर्स, चेन्नई सुपर किंग्स, किंग्स इलेवन पंजाब, बंगलुरु रायल चैलेंर्ज, डेक्कन चार्जर्स हैदराबाद, राजस्थान रॉयल्स और दिल्ली डेयरडेविल्स। इनमें सचिन तेंदुलकर (मुंबई), सौरभ गांगुली (कोलकाता), वीरेंद्र सहवाग (दिल्ली) और राहुल द्रविड़ (बंगलुरु) आइकन खिलाड़ी बने यानी उनकी बोली नहीं लगी। नीलामी में चेन्नई सुपर किंग्स ने महेंद्र सिंह धोनी को लगभग छह करोड़ रुपए में खरीदकर उन्हें सबसे महंगा क्रिकेटर बना डाला। उनसे पीछे आस्ट्रेलियाई हरफनमौला एंड्रयू साइमंड्स थे जिन्हें डेक्कन चार्जर्स ने 1.35 मिलियन डॉलर में खरीदा। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग के दाम सिर्फ दो लाख डॉलर लगे। मुंबई इंडियन सबसे महंगी टीम थी जिसे मुकेश अंबानी ने 119.9 मिलियन डॉलर में खरीदा जबकि विजय माल्या ने बंगलुरु की टीम 111.6 मिलियन डॉलर में खरीदी। शाहरुख खान ने कोलकाता और प्रीति जिंटा ने नेस वाडिया के साथ पंजाब की टीम खरीदी। यह भी अजीब इत्तेफाक है कि सिर्फ पौने सात करोड़ रुपए में खरीदी गई सिताराहीन राजस्थान रॉयल्स की टीम ने खिताब जीता। इसका सेहरा ऑस्ट्रेलियाई लेग स्पिनर शेन वार्न के सिर बंधा जो इसके कप्तान और कोच दोनों थे। Read More

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