|तस्करों के निशाने दुर्लभ कस्तूरी मृग
दुर्लभ वन ओसधियो की तस्करी के बाद अब इन तस्करों के निशाने पर हिमालय के मासूम वन्य जीव लगे हुए है| माफियाओ के इस गिरोह पर लगाम लगाने में उत्तराखंड की खंडूरी सरकार अभी तक विफल साबित हुई है| कोई कारगर नीति और कानून न हो पाने के कारन उत्तराखंड की वादियों में इन दिनों तस्करों की पौ बारह हो रही है | सरकार इस पूरे वाकये से बेखबर है |
उत्तरखंड से लगे उत्तर प्रदेश के इलाको से भी बड़े पैमाने पर वन्य जीवो की संख्या दिनों दिन घटती जा रही है|यहाँ पर भी चीतल, घुरड़, जैसे मासूम जीव बेरहमी से मार डाले जाते है| यहाँ पर पाए जाने वाले जीव यहाँ के वनों की शोभा बढाते रहे है जिस प्रकार से इनको बेरहमी से मारा जा रहा है और प्रशासन तस्करों के सामने नतमस्तक बना है उसको देखते हुए यह कहा जा सकता है आने वाले समय में अगर यही स्थिति रही तो पारियावरण के लिए यह खतरे की घंटी है| अभी भी जरूरत हैं सरकार चेत जाए अन्यथा वह दिन दूर नही जब इनकी दशा भी " गिद्धों" जैसे हो जायेगी
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